कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए डॉक्टर्स, मेडिकल स्टॉफ मोर्चे पर डटे हुए हैं. लेकिन इस बीच, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को निशाना बनाने की खबरें भी मिल रही हैं. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में तैनात दो महिला डॉक्टरों पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सफदरजंग हॉस्पिटल रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सफदरजंग अस्पताल के इमर्जेंसी डिपार्टमेंट में तैनात दो महिला डॉक्टरों पर गौतम बुद्ध नगर में उनके पड़ोसियों ने हमला कर दिया. यह घटना बुधवार रात करीब 9.30 बजे की है. दोनों महिला डॉक्टर उस समय फल खरीदने के लिए घर से बाहर निकली हुई थीं.
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डॉ. मनीष ने बताया कि एक पड़ोसी महिला डॉक्टरों पर जोर जोर से चिल्लाने लगा कि वे यहां कोरोना वायरस फैला रही हैं. जब महिला डॉक्टरों ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की तो पड़ोसियों ने उन पर हमला बोल दिया. इस मामले में एक केस दर्ज करा दिया गया है. इस सिलसिले में हौजखास पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को न बनाएं निशाना
डॉक्टरों पर हमले की घटना तब सामने आई है जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करके कोरोना के खिलाफ लड़ने वालों को निशाना न बनाने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से जुड़े सामाजिक भेदभाव को संबोधित करते हुए ये एडवाइजरी जारी की है. इसमें कोरोना वायरस को लेकर किसी को भी कलंकित न करने, किसी पर इसे लेकर आरोप न लगाने, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को निशाना न बनाने की बात कही गई है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, सोशल मीडिया पर उनकी पहचान भी उजागर न करें. साथ ही संक्रमितों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना न बनाएं.